पशुधन और मत्स्य प्रबंधन प्रभाग
पशुधन और मत्स्य प्रबंधन प्रभाग (पूर्व में पशुधन और मत्स्य सुधार व प्रबंधन कार्यक्रम) अगस्त, 2003 में अस्तित्व में आया। अनुसंधान क्रियाकलापों के अलावा, आईसीएआर परिसर में बुनियादी सुविधाओं के सृजन हेतु विकास कार्य जैसे कि पशु आवासों का निर्माण, प्रयोगशाला उपकरणों की खरीद और पशुधन एवं मत्स्य अनुसंधान के संचालन हेतु फार्म का विकास जैसे कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर प्रारंभ किया गया। पूर्वी क्षेत्र की जलवायु के लिए उपयुक्त पशुधन, कुक्कुट एवं मत्स्य प्रजनन, आहार एवं स्वास्थ्य की देखभाल हेतु उपयुक्त प्रौद्योगिकियों के विकास और उनके मूल्यांकन के उद्देश्य से इस प्रभाग को प्रारंभ किया गया। वर्तमान में, डीएलएफएम प्रभाग निम्नलिखित उल्लेखनीय क्षेत्रों में कार्य कर रहा है :
*आजीविका सुरक्षा और रोजगार सृजन के लिए पशुधन एवं मत्स्य आधारित समेकित खेती प्रणाली का विकास
*डेयरी आधारित उद्यमों के माध्यम से फसल-पशुधन एकीकरण
*पशुधन, कुक्कुट और मत्स्य स्वास्थ्य और उत्पादन में सुधार के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास
*मत्स्य बीज, आहार और मत्स्य तालाबों का प्रबंधन
*वर्ष भर चारे की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए चारा संसाधनों को बढ़ाना
अधिदेश
*प्राकृतिक संसाधनों के कुशल समेकित प्रबंधन हेतु नीतिगत और अनुकूली अनुसंधान का संचालन
*पूर्वी क्षेत्र के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में खाद्यान्न और बागवानी फसलों, कृषि वानिकी, पशुधन, पक्षी और मत्स्य को शामिल करते हुए कृषि उत्पादन प्रणालियों की उत्पादकता को बढ़ाना
हमारे वैज्ञानिक