प्रयोगशालाएं:
वर्तमान समय में परिसर में पौध, मृदा व जल विश्लेषण एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित विकसित प्रयोगशालाएं मौजूद हैं ।
मृदा और जल विश्लेषण प्रयोगशाला: प्रयोगशाला में सूक्ष्म अवशोषण और सूक्ष्म पोषक तत्व विश्लेषण के लिए बुनियादी प्रयोगशाला सुविधाओं के अलावा अत्याधुनिक उपकरण जैसे परमाणु अवशोषण स्पेक्ट्रोमीटर, कण आकार विश्लेषक, ऑटोमैटिक नाइट्रोजन विश्लेषक, प्रवाह इंजेक्शन विश्लेषक, मृदा आद्रता माप हेतु समय-डोमेन परावर्तक, न्यूट्रॉन जांच विश्लेषक, दबाव प्लेट उपकरण एवं मृदा पेनेट्रोमीटर आदि उपलब्ध है ।
पौध विज्ञान प्रयोगशाला: इस प्रयोगशाला में पोर्टेबल प्रकाश संश्लेषण माप प्रणाली, पीएएम क्लोरोफिल फ्लोरोमीटर, पोरोमीटर, प्रेशर चैम्बर उपकरण, थर्मोकपल साइप्रोमोटर, सैप फ्लो मीटर, ऑटोमैटिक लीफ एरिया मीटर, क्रॉप कैनोपी विश्लेषक, लाइन क्वांटम सेंसर, ट्यूब सोलरमीटर, यूवी-वीआईएस डबल बीम स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, थीटा जांच और पोर्टेबल क्लोरोफिल मीटर जैसी परिष्कृत सुविधाएं हैं ।
दाबानुकूल सिंचाई प्रयोगशाला: इस प्रयोगशाला को दाबानुकूल सिंचाई पर NATP द्वारा वित्त पोषित एक्सलन्स परियोजना की टीम के तहत विकसित किया गया था और यह विभिन्न दाबानुकूल सिंचाई प्रणाली के घटकों के आतंरिक और बाह्य परीक्षण का कार्य करने के लिए बनाया गया है । इसमें अनुसंधान और विकास कार्य के लिए दाबानुकूल सिंचाई प्रणाली के विभिन्न घटकों के आतंरिक निर्माण के लिए प्लास्टिक इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन भी है ।
पशुधन एवं मत्स्य प्रयोगशाला: इस प्रयोगशाला में पशु और मत्स्य विज्ञान में अनुसंधान के लिए बुनियादी प्रयोगशाला की सुविधा के अलावे ऑटोमैटिक मिल्क एनालाइजर, केजेलटेक, डिजिटल फोटो सिस्टम के साथ त्रिनोकुलर रिसर्च माइक्रोस्कोप, ट्राइनोक्युलर स्टीरियो जूम माइक्रोस्कोप, जल विश्लेषण किट जैसे कई प्रकार के आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं । मछलियों के प्रजनन हेतु एक ईको हैचरी को सुविधा के रूप में बनाया गया है ।
अनुसंधान प्रक्षेत्र: संस्थान के पास दो अनुसंधान प्रक्षेत्र हैं, जिसमें पहला वाल्मी कॉम्प्लेक्स में 4.0 हेक्टेयर क्षेत्र में एवं दूसरा सबजपुरा, पटना (वाल्मी कॉम्प्लेक्स से लगभग 2 कि.मी.) में 17.0 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है । अनुसंधान प्रक्षेत्रों में फील्ड परिक्षण एव प्रदर्शन हेतु बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं । सुविधाओं को और मजबूत किया जा रहा है ।
आईसीएआर आरसीईआर, कृषि प्रणाली का पहाड़ी एवं पठारी अनुसंधान केंद्र: आईसीएआर आरसीईआर, एफएसआरसीएचपीआर, रांची केन्द्र रांची-टाटा रोड (एनएच -33) पर रांची से 17 किमी दूर प्लांडु में स्थित है । केंद्र का संचालन एक विशाल इमारत में होता है । यहाँ की प्रयोगशालाएं मृदा और पादप विश्लेषण, पादप रोगविज्ञान, मशरूम अनुसंधान और सूक्ष्म प्रसार एवं बीज परीक्षण हेतु परमाणु अवशोषण स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, यूवी- वीआईएस डबल बीम स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, पौध कैनोपी विश्लेषक, मृदा आद्रता मीटर, न्यूट्रॉन जांच, लौ दीप्तिमापी, पीसीआर मशीन, वैद्युतकणसंचलन उपकरण, फेज-कॉन्ट्रास्ट स्टीरियो जूम माइक्रोस्कोप, वूड माइक्रोटोम आदि उपकरणों से सुसज्जित हैं । केंद्र में विभिन्न बागवानी फसलों के बड़े पैमाने पर गुणन के लिए 16 ग्रीनहाउस हैं । अन्य उपलब्ध अवसंरचनात्मक सुविधाओं में बागवानी फसलों के भंडारण, बीज भंडारण सुविधा, स्वचालित मौसम केंद्र आदि पर शोध के लिए कूल चैंबर शामिल हैं । HARP के अनुसंधान प्रक्षेत्र चार स्थानों पर स्थित हैं, जैसे कि प्लांडू (70.4 हेक्टेयर), चूरू (99.2 हेक्टेयर), गारके (7.5 हेक्टेयर) और लालखतांगा (41.7 हेक्टेयर) एवं इन प्रक्षेत्रों में बागवानी फसलों पर परिक्षण हेतु उत्कृष्ट सुविधाएं उपलब्ध हैं । यहाँ उपलब्ध सुविधाओं को और मजबूत किया जा रहा है ।
आईसीएआर-आरसीईआर, मखाना अनुसंधान केन्द, दरभंगा: आईसीएआर-आरसीईआर, मखाना अनुसंधान केन्द, दरभंगा में 25 एकड़ क्षेत्र में फैला है, जिसमें कार्यालय भवन और स्टाफ क्वार्टर शामिल हैं । इस केंद्र की प्रयोगशालाएं मृदा और जल के रासायनिक विश्लेषण एवं मछलियों के नमूने को रखने के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं । वर्तमान में, 5 एकड़ भूमि में कार्यालय भवन और स्टाफ क्वार्टर, 1.5 एकड़ भूमि में मखाना की खेती, 01 एकड़ में सिंघाड़ा, 1.5 एकड़ में 06 मखाना के तालाब और बाकी 10 एकड़ भूमि का उपयोग चावल, गेहूं, सरसों आदि की खेती के लिए किया जाता है । यहाँ उपलब्ध सुविधाओं को और मजबूत किया जा रहा है ।